प्यार से प्यारा होता है प्यार
कभी रेशम तो कभी सख्त होता है प्यार
कभी शरारती तो कभी मां की छाया होता है..प्यार
प्यार से प्यारा होता है...प्यार
कभी डॉट तो कभी ममता का पिटारा होता है..प्यार
अलग अलग रंग से रंगा होता है..प्यार
कई रिश्तों की छाप होता है....प्यार
प्यार से प्यारा होता है...प्यार
5 Comments:
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- Unknown said...
October 5, 2009 at 4:01 AMसच में आपने प्यार के कितने ही रंग लपेटे हैं इस छोटी सी कविता में । बहुत ही अच्छा लगा पढ़कर । बधाई- ओम आर्य said...
October 5, 2009 at 5:11 AMsundar abhiwyakti- subodh rai said...
October 5, 2009 at 10:45 AMpayar ki gahri anubhuti- विनोद कुमार पांडेय said...
October 5, 2009 at 11:20 AMप्रेम शब्द की बेहतरीन अभिव्यक्ति...- संजय भास्कर said...
October 6, 2009 at 3:31 AMबहुत ही अच्छा लगा पढ़कर । बधाई
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