एक टूटता तारा देखकर मन ही मन विश मांगने की एक्साइटमेंट अगर आपमें है तो अगले दो दिन तक कुदरत जैसे अपनी सारी जादूगरी आपकी हर इच्छा को पूरा करने के लिए आसमान पर बिखेर रही है। उल्काओं की बरसात से आतिशबाजी का सा नजारा होगा। इसे लियोनिड्स कहा जाता है, क्योंकि यह लियो (सिंह) तारामंडल की दिशा से होती है। आसमान की हर हलचल पर नजर रखने वालों से लेकर ताकझांक करने के शौकीन लोगों के लिए ये समां बेहद एक्साइटिंग होगा।
किसे दिखेगा नजारा खगोलविदों को मंगलवार और बुधवार को हर घंटे में 100 से 300 शूटिंग स्टार दिखाई देंगे। दिल्ली के आसमान पर आधी रात को 2 बजे से लेकर तड़के 4 बजे के बीच यह खूबसूरत नजारा देखा जा सकेगा। हालांकि अमावस्या के बाद का न्यू मून होने से आसमान काला तो होगा, लेकिन नजारा तभी दिखेगा बशर्ते धुंध न हो।
कैसे देखे दिल्ली उल्का पिंड की बरसात सामान्य टेलिस्कोप के जरिए देखी जा सकती है। कोहरे की वजह से अगर आसमान साफ नहीं रहता है तो दिल्ली के लोग शहर के बाहरी इलाकों में जाकर इस आतिशबाजी का मजा ले सकते हैं।
कैसे होती है ये आतिशबाजी लियोनिड उल्का की बरसात इससे पहले 1998 से 2002 के बीच जमकर जलवा दिखा चुकी है। इस साल ये उल्काएं सबसे चमकदार आतिशबाजी करने वाली हैं। उल्काओं को गिरते हुए यूं तो किसी भी रात को देखा जा सकता है, लेकिन जब इनकी तादाद ज्यादा हो तो इसे उल्का की बरसात कहा जाता है, क्योंकि सब एक साथ मिलकर आतिशबाजी जैसा नजारा देती हैं।
कब होती है यह बरसात धरती जब किसी उल्का के ऑर्बिट से गुजरती है तो उल्का की बरसात दिखाई देती है। जैसे-जैसे उल्का अपनी कक्षा में घूमती है बर्फ भाप बनने लगती है और मिट्टी और पथरीले कणों के टुकड़े छूटने लगते हैं।
किसे दिखेगा नजारा खगोलविदों को मंगलवार और बुधवार को हर घंटे में 100 से 300 शूटिंग स्टार दिखाई देंगे। दिल्ली के आसमान पर आधी रात को 2 बजे से लेकर तड़के 4 बजे के बीच यह खूबसूरत नजारा देखा जा सकेगा। हालांकि अमावस्या के बाद का न्यू मून होने से आसमान काला तो होगा, लेकिन नजारा तभी दिखेगा बशर्ते धुंध न हो।
कैसे देखे दिल्ली उल्का पिंड की बरसात सामान्य टेलिस्कोप के जरिए देखी जा सकती है। कोहरे की वजह से अगर आसमान साफ नहीं रहता है तो दिल्ली के लोग शहर के बाहरी इलाकों में जाकर इस आतिशबाजी का मजा ले सकते हैं।
कैसे होती है ये आतिशबाजी लियोनिड उल्का की बरसात इससे पहले 1998 से 2002 के बीच जमकर जलवा दिखा चुकी है। इस साल ये उल्काएं सबसे चमकदार आतिशबाजी करने वाली हैं। उल्काओं को गिरते हुए यूं तो किसी भी रात को देखा जा सकता है, लेकिन जब इनकी तादाद ज्यादा हो तो इसे उल्का की बरसात कहा जाता है, क्योंकि सब एक साथ मिलकर आतिशबाजी जैसा नजारा देती हैं।
कब होती है यह बरसात धरती जब किसी उल्का के ऑर्बिट से गुजरती है तो उल्का की बरसात दिखाई देती है। जैसे-जैसे उल्का अपनी कक्षा में घूमती है बर्फ भाप बनने लगती है और मिट्टी और पथरीले कणों के टुकड़े छूटने लगते हैं।
4 Comments:
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- महेन्द्र मिश्र said...
November 17, 2009 at 5:47 AMबहुत बढ़िया जानकारी आपने दी है . आज देखता हूँ- निर्मला कपिला said...
November 17, 2009 at 6:14 AMबहुत अच्छी जानकारी है धन्यवाद्- Udan Tashtari said...
November 17, 2009 at 7:31 AMपता करते है कि कनाडा में कितने बजे दिखेगा.आपका आभार.- डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...
November 24, 2009 at 5:59 AMbahut achchi lagi yeh jaankari....
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