मन में कुछ मत रख यार..
चार दिन की जिंदगी है...कल का क्या भरोसा..
कह ले ...जो कहना है...बात कर दोस्त बना..
जो है साथ जी ले..हमेशा सब साथ नहीं होगे..
चार दिन की जिंदगी है...कल का क्या भरोसा...
खुल कर जिदंगी जी लो..कब दम गुट जाए..क्या भरोसा..
खुद पर भरोसा कर ..आगे चल जिंदगी चार दिन है...जी ले..
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साथी

उन कतरनों को सहेजने की कोशिश, जो इतिहास बनाने की कूबत रखते हैं।
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Mohalla Live7 years ago
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जय श्रीराम8 years ago
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सुन्दर
ढेर सारी शुभकामनायें.
संजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com