रिऐलिटी शो 'इंडियाज़ गॉट टैलेंट' को जीतने वाले उड़ीसा के प्रिंस ग्रुप की कहानी 'स्लमडॉग मिलिनेअर' से हूबहू मिलती है। ग्रुप ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रतिभा किसी चीज की मोहताज नहीं होती। इसके सभी 24 मेंबर्स गंजम जिले के अलग-अलग हिस्सों में दिहाड़ी पर काम करने वाले लोग हैं। इसके साथ ही इनकी जिंदगी भी सामान्य नहीं रही है। दो लोगों को तो पहले पोलियो था लेकिन डांस वक्त करते वक्त उनके जोश और जुनून से इसका एहसास ही नहीं हुआ। ग्रैंड फिनाले में 10 दूसरे ग्रुप भी थे, लेकिन प्रिंस ग्रुप के दशावतार आइटम के सामने कोई भी नहीं टिक पाया और वे चमचमाती ट्रॉफी के साथ 50 लाख रुपये व रिट्ज कार के हकदार बन गए। फाइनल में इन लोगों ने भगवान विष्णु के 10 अवातरों पर आधारित डांस किया था। ग्रुप के लीडर कृष्ण मोहन रेड्डी ने जीत के बाद कहा कि हमें इसकी उम्मीद थी, पर अब हमने यह हासिल कर लिया है। इससे हम काफी रोमांचित हैं। बिना किसी से सीखे ही कोरियोग्राफर बनने वाले रेड्डी ने बताया कि उनके ग्रुप के सभी मेंबर्स को पैसों की काफी जरूरत थी। कुछ मेंबर्स को घर बनाने हैं तो कुछ को बहन की शादी करनी है। इन विषम परिस्थितियों के बावजूद ग्रुप के सभी मेंबर्स एक डांस अकादमी खोलना चाहते हैं। रेड्डी का कहना है कि हम सभी अपने-अपने हिस्से में से कुछ पैसा डांस अकादमी के लिए देंगे।
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साथी
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उन कतरनों को सहेजने की कोशिश, जो इतिहास बनाने की कूबत रखते हैं।
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Mohalla Live10 years ago
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जय श्रीराम10 years ago
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वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
नीरज