लोन कई तरह के होते है..हम पहले ही इस बारे में बात कर चुके है....आज हम पर्सनल लोन के बारे में बात कर रहे है....पसर्नल लोन क्या है...इसे लेने के टाइम किस बात का ध्यान रखना चाहिए...इससे और लोन से छुटकारा पाने के बारे में यहां हम आपको जानकारी दे रहे हैं।
संपत्तियों का इस्तेमाल करें- पर्सनल लोन कई तरह के होते हैं और इनकी शर्तें और स्त्रोत भी अलग-अलग होते हैं। अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन या सिग्नेचर लोन के लिए आमतौर पर ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है क्योंकि इनमें देनदार के लिए जोखिम अधिक होता है। अगर आपने पर्सनल लोन लिया है और आपके पास घर, कार, जीवन बीमा पॉलिसी, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), आरबीआई बॉन्ड, सोने के जेवर, बैंक एफडी, डिबेंचर और म्यूचुअल जैसी संपत्तियां मौजूद हैं तो आप इनका इस्तेमाल पर्सनल लोन से निजात पाने के लिए कर सकते हैं। अगर आप इन संपत्तियों के बदले बैंक से कर्ज लेते हैं तो ब्याज की दर कम होगी। इसके अलावा आपके पास कर्ज को एक साथ मिलाने का विकल्प भी मौजूद है। डेलॉइट इंडिया के डायरेक्टर (कंसल्टिंग), मोनीष शाह ने बताया, 'इसमें आपके सभी कर्ज एक लेनदार के पास मिला दिए जाते हैं और आपको केवल एक मासिक किस्त देनी होती है जो लंबी अवधि में आमतौर पर सस्ती पड़ती है।' इसके अलावा आप कर्ज कम करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। आप क्रेडिट की अवधि का चतुराई से इस्तेमाल कर जिंदगी कुछ आसान बना सकते हैं। अगर आप वेतनभोगी हैं तो अपनी कंपनी से एडवांस लेकर भी कर्ज का बोझ कम किया जा सकता है, लेकिन ये दोनों विकल्प हमेशा काम नहीं आते। अगर आप होम लोन का भुगतान कर रहे हैं तो सस्ता कर्ज लेने का एक और जरिया मौजूदा कर्ज पर टॉप अप लोन लेने का है।
डिफॉल्ट से बचें- अगर आपने पर्सनल लोन की किस्त चुकाने में डिफॉल्ट किया है और यह आपकी पहली चूक है तो आपके लिए पहला कदम बैंक से बातचीत कर समाधान निकालने का होगा। प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के एसोसिएट डायरेक्टर रॉबिन रॉय का कहना है, 'अगर डिफॉल्ट के पीछे नौकरी का जाना या स्वास्थ्य से जुड़े कारण हैं तो बैंक आमतौर पर केवल लंबित रकम पर पेनल्टी लगाता है जो लगभग दो फीसदी की होती है।' इसके अलावा आपके पास लोन को सिक्योर्ड लोन (घर और कार जैसी संपत्तियों के बदले) में तब्दील कराने का विकल्प भी है। आप बैंक से बात कर सिक्योर्ड लोन ले सकते हैं और इसकी मासिक किस्त कम रखी जा सकती है। सिक्योर्ड लोन लेते समय इसकी अवधि और ब्याज दर पर जरूर ध्यान दें। फाइनेंशियल प्लानर्स का कहना है कि पर्सनल लोन को किसी अन्य कर्ज में तब्दील कराते समय यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अगर आप इस कर्ज को लेकर डिफॉल्ट करते हैं तो आपकी संपत्ति बैंक जब्त कर सकता है और इसके बाद आपकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। रॉय का कहना है, 'आपको किसी आपात स्थिति या एकमुश्त रकम की जरूरत पड़ने पर परेशानी हो सकती है क्योंकि आपके पास गिरवी रखने के लिए संपत्ति नहीं बचेगी।' इसे देखते हुए सिक्योर्ड लोन लेना तभी समझदारी होगी जब आप अपनी मासिक आमदनी से इसकी किस्त का भुगतान करने की क्षमता रखते हों।
अंतिम रास्ता-
-पर्सनल फाइनेंस के जानकारों का कहना है कि पर्सनल लोन का विकल्प तभी इस्तेमाल करना चाहिए जब आपके पास संपत्तियां मौजूद न हों और आपके पास किस्त के भुगतान की क्षमता हो। बंगलुरु की श्री सिडविन फाइनेंशियल सर्विसेस एंड इनवेस्टमेंट के डायरेक्टर और सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (सीएफपी), बी श्रीनिवासन के अनुसार, 'पर्सनल लोन का जरिया आपात जरूरत के समय लघु अवधि के उपाय के तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए।' पर्सनल लोन लेने वाले ज्यादातर लोग नौकरीपेशा होते हैं और उन्हें कर्ज की जरूरत के लिए सबसे पहले उस बैंक से संपर्क करना चाहिए जहां उनका वेतन क्रेडिट होता है। श्रीनिवासन ने कहा, 'बैंक के पास आपका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड मौजूद होता है और वह आपको कर्ज देने में कुछ उदारता बरत सकता है।' फाइनेंशियल प्लानर्स मानते हैं कि पर्सनल लोन के मुकाबले क्रेडिट कार्ड पर लोन लेने में ज्यादा जोखिम होता है। क्रेडिट कार्ड पर बहुत सा खर्च बिना जरूरत के भी किया जाता है और इससे आप पर कर्ज और ब्याज का बोझ काफी बढ़ सकता है। वेल्थकेयर सिक्योरिटीज के निदेशक मुकेश गुप्ता की सलाह है, 'क्रेडिट कार्ड पर उधार लेने के मुकाबले पर्सनल लोन सस्ता होता है। अगर आपके क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि काफी बढ़ गई है और इस पर ब्याज का बोझ भी बढ़ता जा रहा है तो आप इसे चुकाने के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं।'
ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल का इस्तेमाल करें - पर्सनल लोन की बेहतर डील के लिए आप अपनालोन और बैंकबाजार जैसे ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर जा सकते हैं। रॉय ने कहा, 'आपको ईएमआई और अन्य शुल्कों के आधार पर उस रकम की तुलना करनी चाहिए जो आप लोन की पूरी अवधि में चुकाएंगे। इसके अलावा आप ब्याज दर को लेकर बैंक से मोलभाव भी कर सकते हैं।' फाइनेंशियल एडवाइजर्स का कहना है कि पर्सनल लोन लेते समय फ्लैट ब्याज दरों के झांसे में नहीं आना चाहिए। बहुत से मामलों में यह सस्ती दर लग सकती है लेकिन बाद में यह काफी महंगी साबित होती है।
संपत्तियों का इस्तेमाल करें- पर्सनल लोन कई तरह के होते हैं और इनकी शर्तें और स्त्रोत भी अलग-अलग होते हैं। अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन या सिग्नेचर लोन के लिए आमतौर पर ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है क्योंकि इनमें देनदार के लिए जोखिम अधिक होता है। अगर आपने पर्सनल लोन लिया है और आपके पास घर, कार, जीवन बीमा पॉलिसी, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), आरबीआई बॉन्ड, सोने के जेवर, बैंक एफडी, डिबेंचर और म्यूचुअल जैसी संपत्तियां मौजूद हैं तो आप इनका इस्तेमाल पर्सनल लोन से निजात पाने के लिए कर सकते हैं। अगर आप इन संपत्तियों के बदले बैंक से कर्ज लेते हैं तो ब्याज की दर कम होगी। इसके अलावा आपके पास कर्ज को एक साथ मिलाने का विकल्प भी मौजूद है। डेलॉइट इंडिया के डायरेक्टर (कंसल्टिंग), मोनीष शाह ने बताया, 'इसमें आपके सभी कर्ज एक लेनदार के पास मिला दिए जाते हैं और आपको केवल एक मासिक किस्त देनी होती है जो लंबी अवधि में आमतौर पर सस्ती पड़ती है।' इसके अलावा आप कर्ज कम करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। आप क्रेडिट की अवधि का चतुराई से इस्तेमाल कर जिंदगी कुछ आसान बना सकते हैं। अगर आप वेतनभोगी हैं तो अपनी कंपनी से एडवांस लेकर भी कर्ज का बोझ कम किया जा सकता है, लेकिन ये दोनों विकल्प हमेशा काम नहीं आते। अगर आप होम लोन का भुगतान कर रहे हैं तो सस्ता कर्ज लेने का एक और जरिया मौजूदा कर्ज पर टॉप अप लोन लेने का है।
डिफॉल्ट से बचें- अगर आपने पर्सनल लोन की किस्त चुकाने में डिफॉल्ट किया है और यह आपकी पहली चूक है तो आपके लिए पहला कदम बैंक से बातचीत कर समाधान निकालने का होगा। प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के एसोसिएट डायरेक्टर रॉबिन रॉय का कहना है, 'अगर डिफॉल्ट के पीछे नौकरी का जाना या स्वास्थ्य से जुड़े कारण हैं तो बैंक आमतौर पर केवल लंबित रकम पर पेनल्टी लगाता है जो लगभग दो फीसदी की होती है।' इसके अलावा आपके पास लोन को सिक्योर्ड लोन (घर और कार जैसी संपत्तियों के बदले) में तब्दील कराने का विकल्प भी है। आप बैंक से बात कर सिक्योर्ड लोन ले सकते हैं और इसकी मासिक किस्त कम रखी जा सकती है। सिक्योर्ड लोन लेते समय इसकी अवधि और ब्याज दर पर जरूर ध्यान दें। फाइनेंशियल प्लानर्स का कहना है कि पर्सनल लोन को किसी अन्य कर्ज में तब्दील कराते समय यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अगर आप इस कर्ज को लेकर डिफॉल्ट करते हैं तो आपकी संपत्ति बैंक जब्त कर सकता है और इसके बाद आपकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। रॉय का कहना है, 'आपको किसी आपात स्थिति या एकमुश्त रकम की जरूरत पड़ने पर परेशानी हो सकती है क्योंकि आपके पास गिरवी रखने के लिए संपत्ति नहीं बचेगी।' इसे देखते हुए सिक्योर्ड लोन लेना तभी समझदारी होगी जब आप अपनी मासिक आमदनी से इसकी किस्त का भुगतान करने की क्षमता रखते हों।
अंतिम रास्ता-
-पर्सनल फाइनेंस के जानकारों का कहना है कि पर्सनल लोन का विकल्प तभी इस्तेमाल करना चाहिए जब आपके पास संपत्तियां मौजूद न हों और आपके पास किस्त के भुगतान की क्षमता हो। बंगलुरु की श्री सिडविन फाइनेंशियल सर्विसेस एंड इनवेस्टमेंट के डायरेक्टर और सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (सीएफपी), बी श्रीनिवासन के अनुसार, 'पर्सनल लोन का जरिया आपात जरूरत के समय लघु अवधि के उपाय के तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए।' पर्सनल लोन लेने वाले ज्यादातर लोग नौकरीपेशा होते हैं और उन्हें कर्ज की जरूरत के लिए सबसे पहले उस बैंक से संपर्क करना चाहिए जहां उनका वेतन क्रेडिट होता है। श्रीनिवासन ने कहा, 'बैंक के पास आपका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड मौजूद होता है और वह आपको कर्ज देने में कुछ उदारता बरत सकता है।' फाइनेंशियल प्लानर्स मानते हैं कि पर्सनल लोन के मुकाबले क्रेडिट कार्ड पर लोन लेने में ज्यादा जोखिम होता है। क्रेडिट कार्ड पर बहुत सा खर्च बिना जरूरत के भी किया जाता है और इससे आप पर कर्ज और ब्याज का बोझ काफी बढ़ सकता है। वेल्थकेयर सिक्योरिटीज के निदेशक मुकेश गुप्ता की सलाह है, 'क्रेडिट कार्ड पर उधार लेने के मुकाबले पर्सनल लोन सस्ता होता है। अगर आपके क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि काफी बढ़ गई है और इस पर ब्याज का बोझ भी बढ़ता जा रहा है तो आप इसे चुकाने के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं।'
ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल का इस्तेमाल करें - पर्सनल लोन की बेहतर डील के लिए आप अपनालोन और बैंकबाजार जैसे ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर जा सकते हैं। रॉय ने कहा, 'आपको ईएमआई और अन्य शुल्कों के आधार पर उस रकम की तुलना करनी चाहिए जो आप लोन की पूरी अवधि में चुकाएंगे। इसके अलावा आप ब्याज दर को लेकर बैंक से मोलभाव भी कर सकते हैं।' फाइनेंशियल एडवाइजर्स का कहना है कि पर्सनल लोन लेते समय फ्लैट ब्याज दरों के झांसे में नहीं आना चाहिए। बहुत से मामलों में यह सस्ती दर लग सकती है लेकिन बाद में यह काफी महंगी साबित होती है।
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keep it up...
may be useful in future..
Thank You so much..