दिल को हमेशा जवां रखने का बस थोड़ा अलर्ट रहने की जरूरत है। सिर्फ कुछ रुटीन टेस्ट आपके दिल का ताजा हाल को बयां कर देंगे। इनमें कुछ वॉर्निंग साइन दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और सेकंड लाइन टेस्ट और इलाज के लिए बात करें।
दिल्ली हार्ट ऐंड लंग इंस्टिट्यूट के चेयरमैन डॉ. के. के. सेठी कहते हैं कि दिल का हाल जानने का सबसे आसान तरीका है रिस्क प्रोफाइलिंग, जिसमें कुछ सामान्य से ब्लड टेस्ट कराने होते हैं। मसलन ब्लड शुगर लेवल (खाली पेट और खाने के दो घंटे बाद) और कोलेस्ट्रॉल की जांच के लिए लिपिड प्रोफाइल। इसके अलावा कमर की चौड़ाई व ब्लड प्रेशर की रीडिंग कराएं। इनका स्तर अगर सामान्य से ऊपर जा चुका है तो समझिए कि दिल के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। ये प्राइमरी टेस्ट रूटीन जांच का हिस्सा होते हैं, जिन्हें 21 की उम्र के बाद हर तीन साल और 30 के बाद हर साल जरूर कराना चाहिए। जिनका डायबीटीज, हाई बीपी या दिल की बीमारी की फैमिली हिस्ट्री है उन्हें हर छह महीने में ये टेस्ट कराने चाहिए।
डॉ. सेठी का कहना है कि प्राइमरी टेस्ट में कोई दिक्कत आती है तो आमतौर पर लाइफस्टाइल और डाइट मैनेजमेंट से उसे कंट्रोल कर लिया जाता है। अगर मामला इससे ऊपर का है तो डॉक्टर हाई सेंसेटिव सीआरपी इन्फ्लेमेशन (आर्टरी में सूजन का पता लगाने के लिए) करते हैं, जिसके कारण भविष्य में हार्ट अटैक आ सकता है। इसके अलावा सीटी स्कैन करते हैं, जिसमें हार्ट की इमेज लेने की जरूरत नहीं होती, सिर्फ हार्ट में कैल्शियम की स्कोरिंग करते हैं। इसकी स्कोरिंग जीरो हो तो बहुत अच्छा है और 50 से ऊपर होने का मतलब है दिल की गंभीर समस्या।
आईएमटी (इंडिमा मीडिया थिकनेस), जिसमें ब्रेन को ब्लड सप्लाई करने वाली गर्दन की नस का अल्ट्रासाउंड करते हैं इसमें आर्टरी लाइन की थिकनेस बढ़ने का मतलब है नस में कोलेस्ट्रॉल का जमा होना। रॉकलैंड हॉस्पिटल के सीनियर काडिर्योलॉजिस्ट डॉ. ए. के. सूद का कहना है कि इस स्थिति में इलाज से दिल को सुरक्षित रखा जा सकता है। लाइफ स्टाइल में बदलाव के चलते दिक्कतें तेजी से बढ़ रही हैं, ऐसे में हर उम्र के लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है।
दिल्ली हार्ट ऐंड लंग इंस्टिट्यूट के चेयरमैन डॉ. के. के. सेठी कहते हैं कि दिल का हाल जानने का सबसे आसान तरीका है रिस्क प्रोफाइलिंग, जिसमें कुछ सामान्य से ब्लड टेस्ट कराने होते हैं। मसलन ब्लड शुगर लेवल (खाली पेट और खाने के दो घंटे बाद) और कोलेस्ट्रॉल की जांच के लिए लिपिड प्रोफाइल। इसके अलावा कमर की चौड़ाई व ब्लड प्रेशर की रीडिंग कराएं। इनका स्तर अगर सामान्य से ऊपर जा चुका है तो समझिए कि दिल के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। ये प्राइमरी टेस्ट रूटीन जांच का हिस्सा होते हैं, जिन्हें 21 की उम्र के बाद हर तीन साल और 30 के बाद हर साल जरूर कराना चाहिए। जिनका डायबीटीज, हाई बीपी या दिल की बीमारी की फैमिली हिस्ट्री है उन्हें हर छह महीने में ये टेस्ट कराने चाहिए।
डॉ. सेठी का कहना है कि प्राइमरी टेस्ट में कोई दिक्कत आती है तो आमतौर पर लाइफस्टाइल और डाइट मैनेजमेंट से उसे कंट्रोल कर लिया जाता है। अगर मामला इससे ऊपर का है तो डॉक्टर हाई सेंसेटिव सीआरपी इन्फ्लेमेशन (आर्टरी में सूजन का पता लगाने के लिए) करते हैं, जिसके कारण भविष्य में हार्ट अटैक आ सकता है। इसके अलावा सीटी स्कैन करते हैं, जिसमें हार्ट की इमेज लेने की जरूरत नहीं होती, सिर्फ हार्ट में कैल्शियम की स्कोरिंग करते हैं। इसकी स्कोरिंग जीरो हो तो बहुत अच्छा है और 50 से ऊपर होने का मतलब है दिल की गंभीर समस्या।
आईएमटी (इंडिमा मीडिया थिकनेस), जिसमें ब्रेन को ब्लड सप्लाई करने वाली गर्दन की नस का अल्ट्रासाउंड करते हैं इसमें आर्टरी लाइन की थिकनेस बढ़ने का मतलब है नस में कोलेस्ट्रॉल का जमा होना। रॉकलैंड हॉस्पिटल के सीनियर काडिर्योलॉजिस्ट डॉ. ए. के. सूद का कहना है कि इस स्थिति में इलाज से दिल को सुरक्षित रखा जा सकता है। लाइफ स्टाइल में बदलाव के चलते दिक्कतें तेजी से बढ़ रही हैं, ऐसे में हर उम्र के लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है।
हेल्थ टिप
80 का फॉर्म्युला (डॉ. के. के. अग्रवाल)
- अगर दिल को 80 साल की उम्र से ज्यादा समय तक जवां रखना है तो फास्टिंग शुगर, पेट की चौड़ाई, ब्लड शुगर लेवल, बैड कोलेस्ट्रॉल और दिल की धड़कन का लेवल 80 से नीचे रखें।
ब्लड प्रेशर टेस्ट
- कैटिगरी उम्र अपर बीपी लोअर बीपी
- नॉर्मल एडल्ट 130 से नीचे 85 से नीचे
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट - इसमें दो टेस्ट अहम हैं।
1. लिपिड प्रोफाइल
एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल एचडीएल (गुड कोलेस्ट्रॉल)
- फैमिली हिस्ट्री हो तो पुरुषों में 45 और महिलाओं में
- 70 से नीचे वरना 100 से 55 से ज्यादा होना चाहिए।
नीचे रखें
2. फास्टिंग ट्राई ग्लिसराइड कोलेस्ट्रॉल
125 नॉर्मल
कमर की चौड़ाई
पुरुषों में महिलाओं में
36 इंच से कम 32 इंच से कम
ब्लड शुगर लेवल
90 से ऊपर पर शुरू हो जाती है हार्ट प्रॉब्लम
80 का फॉर्म्युला (डॉ. के. के. अग्रवाल)
- अगर दिल को 80 साल की उम्र से ज्यादा समय तक जवां रखना है तो फास्टिंग शुगर, पेट की चौड़ाई, ब्लड शुगर लेवल, बैड कोलेस्ट्रॉल और दिल की धड़कन का लेवल 80 से नीचे रखें।
ब्लड प्रेशर टेस्ट
- कैटिगरी उम्र अपर बीपी लोअर बीपी
- नॉर्मल एडल्ट 130 से नीचे 85 से नीचे
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट - इसमें दो टेस्ट अहम हैं।
1. लिपिड प्रोफाइल
एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल एचडीएल (गुड कोलेस्ट्रॉल)
- फैमिली हिस्ट्री हो तो पुरुषों में 45 और महिलाओं में
- 70 से नीचे वरना 100 से 55 से ज्यादा होना चाहिए।
नीचे रखें
2. फास्टिंग ट्राई ग्लिसराइड कोलेस्ट्रॉल
125 नॉर्मल
कमर की चौड़ाई
पुरुषों में महिलाओं में
36 इंच से कम 32 इंच से कम
ब्लड शुगर लेवल
90 से ऊपर पर शुरू हो जाती है हार्ट प्रॉब्लम
2 Comments:
-
- सुबोध said...
September 15, 2009 at 2:26 AMgood one- sushant jha said...
September 15, 2009 at 3:32 AMreally good one...
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