टाटा टेलिसर्विसेज ने मोबाइल सेवा क्षेत्र में 1 सितंबर 2009 यानी मंगलवार को ऐसी घंटी बजा दी , जिसे 'क्रांतिकारी' और 'खेल की तस्वीर बदलने' वाला करार दिया जा रहा है। कंपनी ने टेलिफोन कॉल के लिए शुल्क वसूलने के पारंपरिक तरीके, पल्स सिस्टम को छोड़ने का फैसला किया है। इसके बजाय वह अपने ग्राहकों से प्रति कॉल आधार पर फीस वसूलेगी। वैसे यहां आपको यह बता दें कि ऐसा दुनिया में संभवत: पहली बार किया जा रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि टाटा टेलीसर्विसेज की कॉल पर प्रति मिनट आधार पर शुल्क नहीं लिया जाएगा। केवल टाटा टेलीसर्विसेज के सीडीएमए ग्राहकों के लिए उपलब्ध इन अवधि मुक्त कॉल के मामले में स्थानीय कॉल के लिए 1 रुपये और हर एसटीडी कॉल के लिए 3 रुपये का भुगतान करना होगा।
आसान शब्दों में कहें, तो स्थानीय कॉल के लिए सिर्फ 1 रुपया चुकाना होगा, भले ग्राहक दो घंटे तक क्यों न बात करे। ठीक इसी तरह, किसी भी नेटवर्क पर की जाने वाली एसटीडी कॉल के लिए 3 रुपए देने होंगे, भले कॉल की मियाद कितनी भी क्यों न हो। कंपनी के एमडी अनिल सरदाना ने कहा, 'इसमें कुछ भी फांसने जैसा या कोई छिपा हुआ शुल्क नहीं है। हम कभी अपने वादे से नहीं पलटे हैं और हमारे कारोबारी मॉडल में ग्राहकों का सम्मान और भरोसा जीतना शामिल है। टाटा समूह ऐसे ही काम करता है। भारतीय दूरसंचार ग्राहकों के लिए यह ऐतिहासिक किफायती कदम है।'
उन्होंने कहा, 'यह पेशकश स्थानीय और एसटीडी, दोनों तरह की कॉल के लिए है और यही बात इसे खास बनाती है। यही वजह है कि यह भारतीय दूरसंचार प्राइसिंग मॉडल को पूरी तरह बदलने का माद्दा रखता है।' किसी भी मोबाइल ऑपरेटर के पल्स और प्रति मिनट बिलिंग सिस्टम से अलग होने का भी यह पहला मामला है और टाटा के कार्यकारी अधिकारियों का कहना है कि यह अवधारणा दुनिया में अपनी तरह की पहली कोशिश है। उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया भर में दूसरे ऑपरेटर भले खास घंटों (रात दस बजे के बाद या सप्ताहांत में) या फिर चुनिंदा फोन नम्बरों के बीच फ्री टॉक टाइम की सुविधा मुहैया कराते हैं, लेकिन किसी भी ऑपरेटर के पूरी तरह 'प्रति कॉल आधारित बिलिंग सिस्टम' अपनाने का यह पहला मामला है।
ग्राहकों की संख्या के आधार पर देश की छठी सबसे बड़ी सेल्युलर कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज सीडीएमए प्लेटफॉर्म में 3.8 लाख यूजर रखती है, जिनमें से 92 फीसदी प्री-पेड सेवा इस्तेमाल करते हैं। मौजूदा ग्राहक 96 रुपए का वन टाइम रिचार्ज वाउचर खरीदकर नई टैरिफ स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। जो ग्राहक इस नए टैरिफ ढांचे का विकल्प चुनेंगे, उनसे 1 रुपये प्रतिदिन का फ्लैट रेंटल वसूला जाएगा।
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि वह जल्द ही अपने पोस्ट-पेड ग्राहकों के लिए भी इसी तरह की योजना शुरू करेंगे। प्रति कॉल के हिसाब से भुगतान करने की स्कीम कंपनी के जीएसएम ग्राहकों के लिए नहीं है। ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल (जीएसएम) टेक्नोलॉजी स्टैंडर्ड पर कंपनी के करीब 50 लाख ग्राहक हैं।
आसान शब्दों में कहें, तो स्थानीय कॉल के लिए सिर्फ 1 रुपया चुकाना होगा, भले ग्राहक दो घंटे तक क्यों न बात करे। ठीक इसी तरह, किसी भी नेटवर्क पर की जाने वाली एसटीडी कॉल के लिए 3 रुपए देने होंगे, भले कॉल की मियाद कितनी भी क्यों न हो। कंपनी के एमडी अनिल सरदाना ने कहा, 'इसमें कुछ भी फांसने जैसा या कोई छिपा हुआ शुल्क नहीं है। हम कभी अपने वादे से नहीं पलटे हैं और हमारे कारोबारी मॉडल में ग्राहकों का सम्मान और भरोसा जीतना शामिल है। टाटा समूह ऐसे ही काम करता है। भारतीय दूरसंचार ग्राहकों के लिए यह ऐतिहासिक किफायती कदम है।'
उन्होंने कहा, 'यह पेशकश स्थानीय और एसटीडी, दोनों तरह की कॉल के लिए है और यही बात इसे खास बनाती है। यही वजह है कि यह भारतीय दूरसंचार प्राइसिंग मॉडल को पूरी तरह बदलने का माद्दा रखता है।' किसी भी मोबाइल ऑपरेटर के पल्स और प्रति मिनट बिलिंग सिस्टम से अलग होने का भी यह पहला मामला है और टाटा के कार्यकारी अधिकारियों का कहना है कि यह अवधारणा दुनिया में अपनी तरह की पहली कोशिश है। उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया भर में दूसरे ऑपरेटर भले खास घंटों (रात दस बजे के बाद या सप्ताहांत में) या फिर चुनिंदा फोन नम्बरों के बीच फ्री टॉक टाइम की सुविधा मुहैया कराते हैं, लेकिन किसी भी ऑपरेटर के पूरी तरह 'प्रति कॉल आधारित बिलिंग सिस्टम' अपनाने का यह पहला मामला है।
ग्राहकों की संख्या के आधार पर देश की छठी सबसे बड़ी सेल्युलर कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज सीडीएमए प्लेटफॉर्म में 3.8 लाख यूजर रखती है, जिनमें से 92 फीसदी प्री-पेड सेवा इस्तेमाल करते हैं। मौजूदा ग्राहक 96 रुपए का वन टाइम रिचार्ज वाउचर खरीदकर नई टैरिफ स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। जो ग्राहक इस नए टैरिफ ढांचे का विकल्प चुनेंगे, उनसे 1 रुपये प्रतिदिन का फ्लैट रेंटल वसूला जाएगा।
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि वह जल्द ही अपने पोस्ट-पेड ग्राहकों के लिए भी इसी तरह की योजना शुरू करेंगे। प्रति कॉल के हिसाब से भुगतान करने की स्कीम कंपनी के जीएसएम ग्राहकों के लिए नहीं है। ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल (जीएसएम) टेक्नोलॉजी स्टैंडर्ड पर कंपनी के करीब 50 लाख ग्राहक हैं।
4 Comments:
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ये भी खूब रही :)
वीनस केसरी