दोनों देशों के बीच अहम समझौते हुए अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों बीच तीन प्रमुख समझौते हुए हैं.ये समझौते रक्षा, परमाणु सहयोग और अंतरिक्ष कार्यक्रम के क्षेत्रों में हुए हैं. दोनों देशों के बीच सबसे महत्वपूर्ण समझौता रक्षा क्षेत्र में हुआ है. इसके तहत अमरीकी रक्षा तकनीक और उपकरणों के आयात का रास्ता साफ़ होगा.
एंड यूजर मानीटरिंग समझौते के बाद अमेरिका भारत को संवेदनशील सैन्य तकनीक बेच सकेगा और दोनों देशों के बीच और अधिक सामरिक और रणनीतिक सहयोग का रास्ता साफ हो जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी खेमा इस समझौते के तहत सालाना निरीक्षण की जिद छोड़ने के लिए राजी हो गया है. इस समझौते से अमरीका की प्रतिरक्षा कंपनियों को करोड़ो का व्यापार करने का मौका मिलेगा.
इन परियोजनाओं से रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे और बिजली की कमी भी दूर होगी. दोनों देशों ने टेक्निकल सेफगार्ड समझौता भी किया है जिसके तहत भारत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए अमरीकी उपकरण प्राप्त कर सकेगा.
भारत और अमरीका के बीच रक्षा संबंधों को मज़बूत बनाने पर सहमति बनी है. दोनों देशों ने आतंकवाद का मिल कर मुक़ाबला करने की प्रतिबद्धता जताई है.
इन समझौतों पर दिल्ली में अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने हस्ताक्षर किए.

हिलेरी ने मनमहोन सिंह को अमरीका आने का न्यौता सौंपा है
इसके बाद साझा प्रेस कॉंफ़्रेंस में भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा कि हिलेरी क्लिंटन भारत से पहले से परिचित रही हैं जिससे द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा मिली है.
उन्होंने कहा, “दोनों देशों के बीच असैनिक परमाणु समझौते, जलवायु परिवर्तन, परमाणु अप्रसार और अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर चर्चा हुई.”
दोनों देशों के बीच तीन अहम समझौते हुए हैं. पहला समझौता विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के संबंध में है.
आतंकवाद
अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन के साथ बातचीत में आतंकवाद के ख़तरों पर साझा प्रयासों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की.
उन्होंने कहा, “ मैं दोनों देशों के बीच मज़बूत संबंध बनाने के लिए आई हूं. राष्ट्रपति ओबामा और मेरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध 21 वीं सदी के लिए ज़रूरी है.”
हम पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंध चाहते हैं. मुंबई हमलों ने समग्र वार्ता को पीछे धकेल दिया. तब से अब तक राजनीतिक संवाद कायम हुआ है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान हम पाकिस्तान के विदेश मंत्री से फिर मिलेंगे
एसएम कृष्णा
हिलेरी का कहना था, “हमने सभी अहम मुद्दों पर चर्चा की. कुछ मुद्दों पर अलग-अलग विचार है. लेकिन मेरा विश्वास है कि असहमतियों को दूर किया जा सकता है.”
अमरीकी विदेश मंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति ओबामा की ओर से उन्हें 24 नवंबर को अमरीका आने का न्यौता दिया.
पाकिस्तान के साथ संबंधों पर एसएम कृष्णा ने कहा, “हम पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंध चाहते हैं. मुंबई हमलों ने समग्र वार्ता को पीछे धकेल दिया. तब से अब तक राजनीतिक संवाद कायम हुआ है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान हम पाकिस्तान के विदेश मंत्री से फिर मिलेंगे.”

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