प्यार


प्यार से प्यारा होता है प्यार

कभी रेशम तो कभी सख्त होता है प्यार

कभी शरारती तो कभी मां की छाया होता है..प्यार

प्यार से प्यारा होता है...प्यार

कभी डॉट तो कभी ममता का पिटारा होता है..प्यार

अलग अलग रंग से रंगा होता है..प्यार

कई रिश्तों की छाप होता है....प्यार

प्यार से प्यारा होता है...प्यार

5 Comments:

  1. Unknown said...
    सच में आपने प्यार के कितने ही रंग लपेटे हैं इस छोटी सी कविता में । बहुत ही अच्छा लगा पढ़कर । बधाई
    ओम आर्य said...
    sundar abhiwyakti
    subodh rai said...
    payar ki gahri anubhuti
    विनोद कुमार पांडेय said...
    प्रेम शब्द की बेहतरीन अभिव्यक्ति...
    संजय भास्‍कर said...
    बहुत ही अच्छा लगा पढ़कर । बधाई

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