प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देशवासियों को आश्वस्त किया है...कि आतंकवाद के खिलाफ हरसंभव कार्रवाई करने के पाकिस्तान के आश्वासन के बाद ही भारत ने समग्र वार्ता प्रक्रिया को आतंकवाद के मुद्दे से अलग रखने पर सहमति जताई है...हालाकि विपक्ष में बैठा भाजपा इस बयान से संतुष्ट नही है..भाजपा का आरोप है..कि आतंकवाद को समग्र वार्ता प्रक्रिया से न जोड़ा जाना देश के साथ विश्वासघात है...और सरकार ने ये कदम अंतरराष्ट्रीय दवाब में उठाया है...डॉ सिंह ने लोकसभा में शुक्रवार को दिए गए वक्तव्य में कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ गिलानी ने उन्हें भरोसा दिलाया है...कि उनका देश आतंकवाद के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा... और मुंबई हमलों के दोषियों को कटघरे में खड़ा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा....
संयुक्त बयान पर उठे सवाल क्योंनबंर एक- आतंकियों पर कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर बरोसा किया जा सकता है?पाकिस्तान अभी भी जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद को लेकर दुलमुल है...नबंर दो- संयुक्त बयान से आतंकवाद अलग क्यों?अरसे से पाकिस्तान ये मानता रहा है... कु वो आतंकवाद का उपयोग कश्मीर को जीतने में कर रही है...और फिर नागरिक सरकार ऐसा सोच सकती है....पर क्या इससे सेना भी सहमत है?नबंर तीन- अगर मुंबई की तरह एक और हमला होता है?भारत सिर्फ ये उम्मीद ही तो कर सकता है... कि पाकिस्तान इन समूहों पर शिकंजा कसेगा...क्या एक उम्मीद भर पर फैसला सही होगा?

1 Comment:

  1. सुबोध said...
    पीएम बुरी तरह घिर गए हैं, मुल्क में बीजेपी उसके खिलाफ दिख रही है.. वहीं गिलानी पाकिस्तान में अपनी पीठ थपथपवा रहे हैं..दोनो ओर से समझौता पाकिस्तान को ही करना पड़ा है

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